भारत की जनसंख्या में युवाओं का एक बड़ा हिस्सा है। सभी युवाओं के पास ऊर्जा और नए तरीके से सोचने की क्षमता के साथ-साथ उत्साह भी भरा हुआ है लेकिन सभी के पास आवश्यक संसाधनों की कमी है। इसी को देखते हुए सरकार ने मुख्यमंत्री उद्यमी योजना (Mukhyamantri Udyami Yojana) की शुरुआत की है। जिसके तहत युवाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने का उद्देश्य है। लोक पहल के इस लेख में आज हम इस योजना के सभी पहलुओं जैसे- लाभ, आवेदन प्रक्रिया और उससे जुड़े अन्य महत्वपूर्ण जानकारी के बारे में बात करेंगे। तो इस ब्लॉग पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़िएगा।
मुख्यमंत्री उद्यमी योजना की शुरुआत कब हुई?
इस योजना को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा वर्ष 2018 में शुरू किया गया था। जिसके तहत बिहार के युवाओं को स्वरोजगार का अवसर प्रदान करना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है। यह योजना विशेष रूप से अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग युवाओं के लिए बनाई गई थी, ताकि वह अपनी जीविका सुधार सके। मुख्यमंत्री उद्यमी योजना (Mukhyamantri Udyami Yojana) का मुख्य उद्देश्य यह है कि प्रदेश के युवा को आर्थिक सहायता प्रदान हो और उनको खुद का व्यवसाय शुरू करने के लिए प्रोत्साहन मिले। इससे युवा सिर्फ आत्मनिर्भर नहीं बनेंगे बल्कि राज्य के आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान दे सकेंगे।
मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के लिए कौन-कौन पात्र है?
मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत आवेदन करने के लिए कुछ पात्रता रखी गई है जो निम्न प्रकार है –
- इस योजना में आवेदक बिहार का निवासी होना चाहिए।
- इस योजना में अनुसूचित जाति, बेरोजगार युवाओं और महिलाओं को प्राथमिकता दी जाती है।
- आवेदक कम से कम 12वीं पास, आईटीआई या पॉलिटेक्निक के समकक्ष होना चाहिए।
- इस योजना में आवेदन करने के लिए कम से कम 18 वर्ष से लेकर 50 वर्ष की अधिकतम आयु होनी चाहिए।
- आवेदक के पास अपना एक व्यक्तिगत चालू बैंक खाता होना चाहिए, जिसमें स्वीकृत राशि भेजी जाती है।
- स्वामित्व के लिए उद्यमी व्यक्ति के पास पैन कार्ड होना आवश्यक है।
- चालू खाता फर्म/कंपनी के नाम पर होना चाहिए।
- आवेदक को अपनी कंपनी/फर्म को पंजीकृत करना अनिवार्य है।
मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के लिए जरूरी दस्तावेज कौन से हैं?
इस योजना में आवेदन करने के लिए आवश्यक दस्तावेज निम्न प्रकार है –
- आयु सत्यापन दस्तावेज जैसे – जन्म प्रमाण पत्र
- आधार कार्ड
- पैन कार्ड
- आवासीय प्रमाण पत्र
- जाति प्रमाण पत्र
- मासिक आय प्रमाण पत्र
- बैंक स्टेटमेंट या पास बुक
- हस्ताक्षर का फोटो
- विकलांगता प्रमाण पत्र (यदि आवश्यक है)
मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के क्या फायदे हैं?
- मुख्यमंत्री उद्यमी योजना (Mukhyamantri Udyami Yojana) के तहत युवाओं के प्रोत्साहन के लिए 10 लाख रुपए तक का ऋण प्रदान किया जाता है।
- इस ऋण पर किसी भी तरह का कोई ब्याज नहीं लिया जाता है, जिससे युवाओं पर आर्थिक बोझ नहीं पड़ता है। जो 84 समान किस्तों में 7 वर्षो में देय होता है।
- सरकार द्वारा दी जाने वाली राशि में 50% राशि अनुदान के रूप में होती है जो कि गैर वापसी योग्य होती है।
मुख्यमंत्री उद्यमी योजना में आवेदन कैसे करें?
इस योजना में निम्न तरीके से आवेदन कर सकते है –
- सबसे पहले आवेदक को आधिकारिक वेबसाइट पर ऑनलाइन पंजीकरण करना होगा उसके बाद आवेदक को अपनी जानकारी भरकर व्यवसाय की जानकारी देनी होगी।
- रजिस्ट्रेशन करने के बाद आवेदक को अपने आवश्यक दस्तावेज जैसे – पहचान पत्र, जाति प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र और शैक्षिक प्रमाण पत्र अपलोड करने होंगे।
- सभी दस्तावेजों को अपलोड करने के बाद आवेदक को एक फॉर्म भरना होगा, जिसमें व्यवसाय की सभी जानकारी देनी होगी और साथ में आपको कितनी वित्तीय सहायता की आवश्यकता है वह जानकारी देनी होगी।
- यह सभी जानकारी भरने और दस्तावेज अपलोड करने के बाद आवेदक को अपना फॉर्म सबमिट करना होगा, इसके बाद आवेदक को एक रसीद प्राप्त होगी, जिसमें उसकी आवेदन संख्या और अन्य जानकारी लिखी होगी।
- इसके बाद आवेदक को चयनित होने के बाद साक्षात्कार के लिए बुलाया जाएगा, इसमें सफल होने के बाद आवेदक को योजना के तहत ऋण राशि प्रदान कर दी जाएगी।
मुख्यमंत्री उद्यमी योजना (Mukhyamantri Udyami Yojana) बिहार के युवाओं के लिए आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। इस योजना से युवाओं को स्वरोजगार का अवसर पर मिलता है और साथ ही समाज की मुख्य धारा में शामिल होने का अवसर भी मिलता है। इस योजना के द्वारा सरकार से युवाओं को तो लाभ हो ही रहा है साथ में देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिल रही है। उम्मीद करते हैं इस ब्लॉग पोस्ट के माध्यम से हम आपको इस योजना की सारी जानकारी दे पाए होंगे।
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